शब-ए-मेराज कब है 2025 में?
शब-ए-मेराज 2025 में इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 27 रजब 1446 हिजरी की रात को मनाई जाएगी। यह खास रात रविवार, 26 जनवरी 2025 को पड़ रही है।
शब-ए-मेराज का महत्व
शब-ए-मेराज इस्लाम धर्म में एक महत्वपूर्ण रात है। इस दिन इस्लाम के आखिरी पैगंबर, हजरत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम), को एक दिव्य यात्रा पर ले जाया गया था।
यह यात्रा दो भागों में विभाजित थी:
- इसरा: जहां पैगंबर मक्का से बैतुल मुकद्दस (अल-अक्सा मस्जिद) तक गए।
- मेराज: यहां से वे स्वर्ग तक गए और अल्लाह से मुलाकात की।
2025 में शब-ए-मेराज का रोजा कब है?
इस्लामी परंपरा के अनुसार, शब-ए-मेराज की अगली सुबह रोजा रखना बहुत फजीलत वाला माना जाता है। 2025 में, यह रोजा 27 जनवरी 2025, सोमवार को रखा जाएगा।
शब-ए-मेराज की रात को क्या करना चाहिए?
इस खास रात को मुस्लिम समुदाय द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जाते हैं:
- नफिल नमाज़ पढ़ना।
- कुरान की तिलावत करना।
- अल्लाह से दुआ और तौबा करना।
- अपने गुनाहों की माफी मांगना।
- दान और जरूरतमंदों की मदद करना।
शब-ए-मेराज और शब-ए-बारात में अंतर
शब-ए-मेराज और शब-ए-बारात को लेकर अक्सर लोग भ्रमित हो जाते हैं।
शब-ए-मेराज | शब-ए-बारात |
---|---|
पैगंबर मोहम्मद की स्वर्ग यात्रा। | माफी और गुनाहों से छुटकारे की रात। |
27 रजब को मनाई जाती है। | 15 शाबान को मनाई जाती है। |
इबादत और रोजा की अहमियत। | माफी और दुआ की अहमियत। |
शब-ए-मेराज 2025 की तारीखें
इवेंट | तारीख |
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शब-ए-मेराज | 26 जनवरी 2025, रविवार |
शब-ए-मेराज का रोजा | 27 जनवरी 2025, सोमवार |
2025 में शब-ए-बारात कब है?
2025 में शब-ए-बारात 24 फरवरी 2025, सोमवार को मनाई जाएगी।
यूट्यूब वीडियो
शब-ए-मेराज के बारे में और जानने के लिए, यह वीडियो देखें।
महत्वपूर्ण सवाल और जवाब
- शब-ए-मेराज 2025 कब है?
शब-ए-मेराज 2025 में 26 जनवरी, रविवार को मनाई जाएगी। - शब-ए-मेराज का रोजा कब रखा जाएगा?
यह रोजा 27 जनवरी, सोमवार को रखा जाएगा। - शब-ए-बारात 2025 कब है?
शब-ए-बारात 24 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
नोट: इस लेख को पढ़ने के बाद आप surajgoswami.in पर अन्य उपयोगी लेख और टिप्स भी देख सकते हैं।
“शब-ए-मेराज एक मौका है जब हम अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं और अल्लाह से नजदीकी बढ़ा सकते हैं।”
निष्कर्ष
शब-ए-मेराज 2025 में मुस्लिम समुदाय के लिए आध्यात्मिक इबादत और तौबा की रात है। इस रात की फजीलत को समझकर, इसे इबादत और नेकी के साथ मनाना चाहिए।
[यह लेख आपके लिए “Technical Suraj” चैनल की जानकारी पर आधारित है।]