
Dhananjay Munde: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में एक नया मोड़ आया है, जहां एनसीपी नेता और राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री, धनंजय मुंडे, विवादों के घेरे में हैं। बीड जिले के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके करीबी सहयोगियों पर आरोप लगने के बाद, विपक्ष और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है।
Dhananjay Munde
संतोष देशमुख हत्या कांड: मामला क्या है?
बीड जिले के मसरजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की 9 दिसंबर 2024 को हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि पवन चक्की स्थापित करने वाली एक ऊर्जा कंपनी से दो करोड़ रुपये की वसूली की जा रही थी, जिसका देशमुख ने विरोध किया था। इसके बाद उनका अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड भी शामिल हैं।
विपक्ष की मांग: इस्तीफा दो
इस घटना के बाद, विपक्ष ने धनंजय मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है। भाजपा विधायक सुरेश धस ने एनसीपी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि उनके वादे का क्या हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने भी मुंडे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं और उनके इस्तीफे की मांग की है।
एनसीपी का रुख: जांच पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं
एनसीपी प्रवक्ता आनंद परांजपे ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ आरोपों के आधार पर धनंजय मुंडे का इस्तीफा नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि जब तक सीआईडी, एसआईटी और न्यायालय की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
धनंजय मुंडे का पक्ष: इस्तीफा नहीं देंगे
धनंजय मुंडे ने अपने इस्तीफे की खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि उन्होंने कोई इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जांच के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की भूमिका
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस मामले में संयमित रुख अपनाया है। अजित पवार ने कहा है कि जब तक मुंडे को जांच में दोषी नहीं ठहराया जाता, तब तक उनका इस्तीफा नहीं लिया जाएगा।
निष्कर्ष
धनंजय मुंडे पर लगे आरोपों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है, वहीं एनसीपी और सरकार का कहना है कि जांच पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि जांच के नतीजे क्या आते हैं और उनका राजनीतिक भविष्य क्या होगा।
अस्वीकरण: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों पर आधारित है। पाठकों से अनुरोध है कि वे संबंधित स्रोतों की पुष्टि करें और अपनी समझ के अनुसार निर्णय लें।
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तालिका: प्रमुख घटनाक्रम
तारीख | घटना विवरण |
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9 दिसंबर 2024 | सरपंच संतोष देशमुख की हत्या |
10 दिसंबर 2024 | पुलिस ने वाल्मिक कराड सहित सात आरोपियों को गिरफ्तार किया |
7 जनवरी 2025 | धनंजय मुंडे और अजित पवार के बीच 45 मिनट की मुलाकात |
11 फरवरी 2025 | धनंजय मुंडे आंख की सर्जरी के कारण कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए |
14 फरवरी 2025 | एनसीपी ने कहा कि सिर्फ आरोपों के आधार पर मुंडे का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा |
मुख्य बिंदु
- संतोष देशमुख की हत्या के बाद धनंजय मुंडे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ा।
- एनसीपी ने जांच पूरी होने तक कोई कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है।
- मुंडे ने इस्तीफा देने से इंकार किया है और कहा है कि जांच के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
उद्धरण
“सिर्फ आरोपों के आधार पर धनंजय मुंडे का इस्तीफा नहीं लिया जा सकता।” – आनंद परांजपे, एनसीपी प्रवक्ता
“जब तक मुंडे को जांच में दोषी नहीं ठहराया जाता, तब तक उनका इस्तीफा नहीं लिया जाएगा।” – अजित पवार, उपमुख्यमंत्री
अंतिम शब्द
महाराष्ट्र की राजनीति में यह मामला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर अब जांच के नतीजों पर टिकी है, जो तय करेंगे कि धनंजय मुंडे का राजनीतिक भविष्य क्या होगा।