
आज, 11 मार्च 2025 को, इंडसइंड बैंक के शेयरों में अप्रत्याशित रूप से 22% की गिरावट दर्ज की गई, जिससे यह ₹700 से नीचे आ गया। यह गिरावट निवेशकों के बीच चिंता का विषय बन गई है। आइए, इस गिरावट के प्रमुख कारणों पर एक नज़र डालते हैं।
सीईओ के कार्यकाल में कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कथपालिया के कार्यकाल को तीन वर्षों के बजाय केवल एक वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया है। बैंक के बोर्ड ने तीन वर्षों के विस्तार की सिफारिश की थी, लेकिन RBI ने केवल एक वर्ष का विस्तार मंजूर किया। यह निर्णय निवेशकों के बीच नेतृत्व स्थिरता को लेकर अनिश्चितता पैदा कर रहा है। citeturn0news37
वित्तीय अनियमितताएँ
बैंक में विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव्स में वित्तीय अनियमितताओं का पता चला है, जिससे बैंक की आय पर 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त प्रभाव पड़ सकता है। इससे बैंक की आंतरिक नियंत्रण प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और निवेशकों की चिंता बढ़ रही है। citeturn0news30
वैश्विक बाजार की अस्थिरता
वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंकाओं के बीच, भारतीय आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों में गिरावट देखी गई है। इसका प्रभाव इंडसइंड बैंक के शेयरों पर भी पड़ा है। citeturn0news29
ब्रोकरेज हाउस की प्रतिक्रियाएँ
RBI के निर्णय के बाद, कई ब्रोकरेज हाउस ने इंडसइंड बैंक की रेटिंग में बदलाव किया है। UBS ने इसे ‘न्यूट्रल’ से ‘सेल’ किया है, जबकि BofA Securities ने ‘बाय’ से ‘अंडर-परफॉर्म’ किया है। इसके अलावा, Jefferies ने टारगेट प्राइस को ₹1,200 से घटाकर ₹1,080 कर दिया है। citeturn0search3
निवेशकों के लिए सलाह
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। बैंक की वित्तीय स्थिति, नेतृत्व में संभावित परिवर्तन और वैश्विक बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, निवेश संबंधी निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए।
नोट: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।
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